जैसे कुछ परिवारों में भूरे रंग की आंखें ज़्यादा होती हैं, वैसे ही कुछ परिवारों में प्रोस्टेट कैंसर के मामले ज़्यादा होते हैं। अगर आपके पापा, भाई या किसी नज़दीकी पुरुष रिश्तेदार को यह हुआ है, तो आपका खतरा ज़्यादा हो सकता है।
प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) पुरुषों में होने वाला एक आम कैंसर है, जिसका खतरा 50 साल की उम्र के बाद काफी बढ़ जाता है। भारत में भी अब इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, इसलिए इसके बारे में जागरूक रहना ज़रूरी है।
⦿ एडीनोकार्सिनोमा (Adenocarcinoma): यह प्रोस्टेट कैंसर का सबसे आम प्रकार है। यह प्रोस्टेट की ग्रंथि कोशिकाओं में शुरू होता है।
⦿ स्मॉल सेल कार्सिनोमा (Small Cell Carcinoma): यह प्रोस्टेट कैंसर का एक दुर्लभ प्रकार है जो तेज़ी से बढ़ता है।
⦿ सारकोमा (Sarcoma): यह एक बहुत ही दुर्लभ प्रकार का प्रोस्टेट कैंसर है, जो प्रोस्टेट की मांसपेशी कोशिकाओं में शुरू होता है।
⦿ ट्रांजिशनल सेल कार्सिनोमा (Transitional Cell Carcinoma): यह कैंसर आमतौर पर मूत्राशय (bladder) या मूत्रमार्ग (urethra) में शुरू होता है लेकिन कभी-कभी प्रोस्टेट तक फैल सकता है।
जैसे कुछ परिवारों में भूरे रंग की आंखें ज़्यादा होती हैं, वैसे ही कुछ परिवारों में प्रोस्टेट कैंसर के मामले ज़्यादा होते हैं। अगर आपके पापा, भाई या किसी नज़दीकी पुरुष रिश्तेदार को यह हुआ है, तो आपका खतरा ज़्यादा हो सकता है।
अपने शरीर को कार की तरह सोचिए। अगर आप उसमें खराब ईंधन डालेंगे और समय-समय पर सर्विस नहीं कराएंगे, तो वह जल्दी खराब हो सकती है। अस्वास्थ्यकर खाना, कम व्यायाम और मोटापा – ये सब जोखिम बढ़ा सकते हैं।
हमारे शरीर की हर कोशिका में एक सेट होता है जिसे जीन (genes) कहते हैं, जो हमें माता-पिता से मिलते हैं। कभी-कभी इन जीन में छोटे बदलाव (mutations) हो सकते हैं, जो प्रोस्टेट कैंसर का खतरा थोड़ा बढ़ा सकते हैं।
हार्मोन शरीर के रासायनिक संदेशवाहक होते हैं। कुछ हार्मोन, जैसे टेस्टोस्टेरोन (testosterone) के उच्च स्तर, प्रोस्टेट कैंसर में भूमिका निभा सकते हैं।
जब हमारा शरीर संक्रमण या चोट से लड़ता है, तो वहां सूजन हो सकती है। प्रोस्टेट में लंबे समय तक सूजन रहने से प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
कुछ शोधों में पाया गया है कि कुछ रसायनों (जैसे कुछ कीटनाशकों या औद्योगिक पदार्थों) के संपर्क में आने से खतरा बढ़ सकता है। हालांकि, इस संबंध को पूरी तरह साबित करने के लिए और शोध की ज़रूरत है।
रैडिकल प्रोस्टेक्टोमी (Radical Prostatectomy) में पूरा प्रोस्टेट हटा दिया जाता है। इसके तीन तरीके हैं – ओपन, लैप्रोस्कोपिक और रोबोटिक। रोबोटिक सर्जरी में चीरे छोटे लगते हैं और रिकवरी जल्दी होती है।
इसमें उच्च-ऊर्जा किरणों से कैंसर कोशिकाएं मारी जाती हैं। IMRT (Intensity-Modulated Radiation Therapy) और IGRT (Image-Guided Radiation Therapy) जैसी तकनीकों से सटीकता बढ़ती है। ब्रैकीथेरेपी (Brachytherapy) में प्रोस्टेट के अंदर रेडियोधर्मी बीज (radioactive seeds) डाले जाते हैं।
यह पुरुष हार्मोन के स्तर को कम करती है ताकि कैंसर की बढ़त धीमी हो। यह आमतौर पर उन्नत मामलों में की जाती है। विकल्पों में दवाइयाँ या ऑर्कियेक्टॉमी (orchiectomy – अंडकोष को हटाना) शामिल हैं।
इसमें दवाइयों से पूरे शरीर में कैंसर कोशिकाएं मारी जाती हैं। यह उन मामलों में दी जाती है जहाँ हॉर्मोन थेरेपी काम नहीं कर रही हो। इससे ट्यूमर छोटा हो सकता है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
यह कैंसर की वृद्धि में शामिल खास अणुओं (molecules) को निशाना बनाती है। इससे ज्यादा सटीक इलाज होता है और साइड इफेक्ट कम होते हैं। यह विशेष म्यूटेशन (mutations) वाले उन्नत मामलों में उपयोगी होती है।
यह शरीर की इम्यून सिस्टम (immune system) को कैंसर से लड़ने के लिए मज़बूत करती है। यह उन्नत चरणों में उम्मीद दिखा रही है और इम्यून सिस्टम को कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और नष्ट करने में मदद करती है।
कैंसर स्टेज | क्या मतलब है | इलाज के विकल्प |
---|---|---|
स्टेज I | कैंसर छोटा है, सिर्फ प्रोस्टेट में है और धीरे-धीरे बढ़ता है |
- एक्टिव निगरानी (नियमित जांच) - सर्जरी (रेडिकल प्रोस्टेटेक्टॉमी) - रेडिएशन थेरेपी |
स्टेज II | कैंसर अभी भी प्रोस्टेट तक सीमित है लेकिन तेजी से बढ़ सकता है |
- सर्जरी - रेडिएशन थेरेपी - कुछ मामलों में हार्मोन थेरेपी |
स्टेज III | कैंसर प्रोस्टेट से बाहर आस-पास के ऊतकों तक फैल गया है |
- रेडिएशन + हार्मोन थेरेपी - कुछ चुने हुए मामलों में सर्जरी |
स्टेज IV | कैंसर शरीर के दूर अंगों (जैसे हड्डियाँ, लसीका ग्रंथियाँ) तक फैल चुका है |
- हार्मोन थेरेपी (ADT) - कीमोथेरेपी - टारगेटेड थेरेपी या इम्यूनोथेरेपी (अगर उपयुक्त हो) |
⦿ स्वस्थ आहार (Healthy Diet): फलों, सब्जियों और साबुत अनाज (whole grains) से भरपूर आहार लेने से खतरा कम हो सकता है। रेड मीट और ज़्यादा फैट वाले डेयरी उत्पादों का सेवन कम करें।
⦿ नियमित व्यायाम (Regular Exercise): शारीरिक गतिविधि से वजन नियंत्रण में रहता है और कैंसर का जोखिम घटता है। कोशिश करें कि ज़्यादातर दिनों में कम से कम 30 मिनट का मध्यम स्तर का व्यायाम करें।
⦿ स्वस्थ वजन बनाए रखें (Maintain a Healthy Weight): अधिक वजन या मोटापा प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है। संतुलित आहार और व्यायाम से स्वस्थ वजन बनाए रखने की कोशिश करें।
⦿ स्क्रीनिंग के बारे में डॉक्टर से बात करें (Talk to Your Doctor About Screening): अगर आपके पास जोखिम वाले कारण हैं, तो प्रोस्टेट कैंसर की स्क्रीनिंग (screening) के बारे में डॉक्टर से चर्चा करें। जल्दी पहचान होने से इलाज के नतीजे बेहतर हो सकते हैं
⦿ कैल्शियम का सेवन सीमित करें (Limit Calcium Intake): कुछ शोधों के अनुसार, बहुत अधिक कैल्शियम (calcium) का सेवन प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है। आपके लिए सही मात्रा क्या होनी चाहिए, इसके लिए डॉक्टर से सलाह लें।
MS, DrNB (Surgical Oncology)
डॉ. स्वाति शाह अहमदाबाद की एक प्रसिद्ध रोबोटिक यूरो और गाइनिक कैंसर सर्जन हैं।
MS, MCh (G I cancer Surgeon)
डॉ. हर्ष शाह अहमदाबाद के एक प्रसिद्ध जीआई और एचपीबी रोबोटिक कैंसर सर्जन हैं।