यह फेफड़ों को प्रभावित करता है, मुख्य रूप से धूम्रपान और तंबाकू के धुएं के संपर्क में आने से होता है। धूम्रपान छोड़ना और दूसरों के धुएं से बचना जोखिम को काफी कम करता है।
सभी ट्यूमर एक जैसे नहीं होते। दो मुख्य प्रकार होते हैं: सौम्य और घातक।
⦿ सौम्य ट्यूमर (Benign tumors) अच्छे व्यवहार वाले मेहमानों की तरह होते हैं। वे एक ही जगह पर रहते हैं और ज्यादा परेशानी नहीं करते। ये आमतौर पर हानिरहित होते हैं और इन्हें आसानी से निकाला जा सकता है।
⦿ दूसरी तरफ, घातक ट्यूमर (Malignant tumors) अनचाहे मेहमानों की तरह होते हैं जो जबरदस्ती घुस आते हैं और सब कुछ अस्त-व्यस्त कर देते हैं। ये ट्यूमर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकते हैं, जैसे कोई धौंस जमाने वाला खेल के मैदान पर कब्जा कर लेता है। इस फैलाव को मेटास्टेसिस (Metastasis) कहते हैं।
कैंसर (Cancer) दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है, और कुछ प्रकार के कैंसर भारत में अन्य क्षेत्रों की तुलना में अधिक पाए जाते हैं। इन आम कैंसर, उनके जोखिम कारकों और प्रारंभिक लक्षणों के बारे में जागरूक रहना आवश्यक है।
यह फेफड़ों को प्रभावित करता है, मुख्य रूप से धूम्रपान और तंबाकू के धुएं के संपर्क में आने से होता है। धूम्रपान छोड़ना और दूसरों के धुएं से बचना जोखिम को काफी कम करता है।
मुंह, होंठ, जीभ और गालों को प्रभावित करता है, तंबाकू और पान मसाला चबाने के कारण भारत में बहुत आम है। बचाव के लिए इन आदतों से बचना जरूरी है।
यह गर्भाशय के निचले हिस्से को प्रभावित करता है और नियमित जांच जैसे पैप स्मीयर (Pap smear) और एचपीवी टीकाकरण (HPV vaccination) से बचा जा सकता है।
इसके लक्षणों में लगातार अपच, मितली और वजन कम होना शामिल है। एंडोस्कोपी (Endoscopy video gallery) के माध्यम से जल्द निदान और इलाज आवश्यक है।
बड़ी आंत और मलाशय को प्रभावित करता है, शुरुआती लक्षण अक्सर नहीं दिखते। जल्द पता लगाने के लिए कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) जैसी जांच महत्वपूर्ण है।
यह सबसे शुरुआती चरण है, जहां असामान्य कोशिकाएं मौजूद होती हैं लेकिन फैली नहीं होतीं। इस स्तर पर इलाज अक्सर बहुत प्रभावी होता है।
कैंसर स्थानीयकृत होता है, यानी यह एक छोटे क्षेत्र तक सीमित होता है और ज्यादा नहीं फैला होता।
ट्यूमर बड़ा हो सकता है या आस-पास के ऊतकों में बढ़ना शुरू कर चुका होता है, लेकिन दूर के अंगों तक नहीं पहुंचा होता।
कैंसर पास की लिम्फ नोड्स (Lymph nodes) तक फैल चुका होता है, जो आगे फैलने का अधिक जोखिम दर्शाता है।
सबसे उन्नत चरण, स्टेज 4 का कैंसर दूर के अंगों तक फैल चुका होता है, जिससे इलाज अधिक जटिल हो जाता है।
⦿ सर्जरी: ट्यूमर और आस-पास के कुछ ऊतकों को सर्जिकल तरीके से निकालना।
⦿ रेडिएशन थेरेपी: कैंसर कोशिकाओं को मारने या ट्यूमर को छोटा करने के लिए उच्च-ऊर्जा किरणों का उपयोग।
⦿ कीमोथेरेपी: पूरे शरीर में कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए शक्तिशाली दवाओं का उपयोग।
⦿ टारगेटेड थेरेपी: विशेष रूप से कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करने वाली दवाएं, जो स्वस्थ कोशिकाओं को कम नुकसान पहुंचाती हैं।
⦿ इम्युनोथेरेपी: कैंसर कोशिकाओं से लड़ने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने वाला उपचार।
कैंसर चरण | अनुशंसित उपचार | सामान्य कैंसर जिनमें उपयोग किया जाता है |
---|---|---|
प्रारंभिक चरण (I-II) | सर्जरी ± रेडिएशन/कीमोथेरेपी | स्तन, कोलोरेक्टल, फेफड़े, प्रोस्टेट, गर्भाशय ग्रीवा |
स्थानीय रूप से विकसित (III) | संयुक्त उपचार: सर्जरी + कीमोथेरेपी/रेडिएशन ± टारगेटेड थेरेपी | सिर और गर्दन, इसोफैगस, अंडाशय, लिवर |
मेटास्टेटिक (IV) | सिस्टमिक थेरेपी: कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी ± पेलिएटिव सर्जरी | फेफड़े, गुर्दे, कोलोरेक्टल, स्तन, मेलेनोमा |
हार्मोन-संवेदनशील | हार्मोन थेरेपी ± सर्जरी/रेडिएशन ± टारगेटेड थेरेपी | स्तन, प्रोस्टेट, अंडाशय, एंडोमेट्रियल |
रक्त कैंसर (हेमेटोलॉजिक कैंसर) | कीमोथेरेपी ± इम्यूनोथेरेपी ± स्टेम सेल ट्रांसप्लांट | ल्यूकेमिया, लिंफोमा, मल्टीपल मायलोमा |
पेलिएटिव चरण | समर्थन उपचार: दर्द प्रबंधन, पेलिएटिव रेडिएशन, सर्वश्रेष्ठ सहायक देखभाल | सभी अंतिम चरण और उन्नत मेटास्टेटिक कैंसर |
हालांकि कैंसर का जोखिम पूरी तरह से खत्म करना असंभव है, लेकिन ऐसी कई चीजें हैं जो आप इस बीमारी के विकास की संभावना को काफी कम करने के लिए कर सकते हैं। इसे अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एक मजबूत किले के निर्माण की तरह समझें!
MS, MCh (G I cancer Surgeon)
डॉ. हर्ष शाह अहमदाबाद के एक प्रसिद्ध जीआई और एचपीबी रोबोटिक कैंसर सर्जन हैं।
MS, DrNB (Surgical Oncology)
डॉ. स्वाति शाह अहमदाबाद की एक प्रसिद्ध रोबोटिक यूरो और गाइनिक कैंसर सर्जन हैं।
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